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लेजर हथियार और 3-लेयर डिफेंस से लैस! IADWS क्यों बनेगा भारत का ‘आकाश कवच’?

On: August 25, 2025 5:38 AM
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लेजर हथियार और 3-लेयर डिफेंस से लैस! IADWS क्यों बनेगा भारत का ‘आकाश कवच’?

भारत का नया सुरक्षा कवच: IADWS का सफल परीक्षण

भारत ने एक बार फिर दुनिया को दिखा दिया है कि वह रक्षा तकनीक में किसी से पीछे नहीं। ओडिशा के तट पर DRDO (डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन) ने 23 अगस्त 2025 को Integrated Air Defence Weapon System (IADWS) का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किया।

इस परीक्षण के दौरान इस सिस्टम ने एक ही वक्त में तीन अलग-अलग लक्ष्यों को ढेर कर दिया। इनमें दो हाई-स्पीड ड्रोन और एक मल्टी-कॉप्टर ड्रोन शामिल थे। नतीजा साफ था—भारत के पास अब एक ऐसा रक्षा कवच है, जो दुश्मन की किसी भी हवाई चाल को पलभर में नाकाम कर सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे ‘सुदर्शन चक्र मिशन’ का हिस्सा बताया है। लक्ष्य साफ है: 2035 तक भारत को एक अजेय रक्षा कवच देना।

IADWS क्या है और कैसे काम करता है?

IADWS यानी Integrated Air Defence Weapon System — एक मल्टी-लेयर्ड एयर डिफेंस सिस्टम, जो पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित है।

इसमें तीन बड़े हथियार सिस्टम शामिल हैं:

  1. QRSAM (क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल)
    • 3 से 30 किमी तक के लक्ष्य भेदने की क्षमता।
    • चलते-फिरते भी लॉन्च किया जा सकता है।
    • इसमें दो एडवांस रडार लगे हैं, जो 360° निगरानी और ट्रैकिंग करते हैं।
    • दुश्मन के हेलीकॉप्टर, फाइटर जेट और मिसाइलों को पलभर में खत्म करने की ताकत।
  2. VSHORADS (वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम)
    • सैनिक इसे कंधे पर टांगकर चला सकते हैं।
    • 300 मीटर से 6 किमी तक के ड्रोन और हेलीकॉप्टर को नष्ट करने में सक्षम।
    • भारतीय थल सेना, नौसेना और वायुसेना—तीनों की जरूरत पूरी करता है।
  3. DEW (डायरेक्टेड एनर्जी वेपन)
    • भारत का सबसे चर्चित लेजर हथियार।
    • 3 किमी तक के ड्रोन और हवाई लक्ष्यों को प्रकाश की गति से खत्म कर सकता है।
    • अप्रैल 2025 में भी इसने टेस्ट में ड्रोन को हवा में जला कर साबित कर दिया था।
    • अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, जर्मनी और इज़रायल के बाद अब भारत भी इस ‘एलीट क्लब’ में शामिल।

इन तीनों हथियारों का कंट्रोल सेंट्रलाइज्ड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से होता है, जिसे हैदराबाद स्थित DRDO लैब्स ने विकसित किया है।

परीक्षण में क्या हुआ?

📍 स्थान: चांदीपुर, ओडिशा
📍 तारीख: 23 अगस्त 2025

  • IADWS को तीन टारगेट दिए गए—
    ✅ दो हाई-स्पीड UAV
    ✅ एक मल्टी-कॉप्टर ड्रोन
  • QRSAM, VSHORADS और DEW तीनों ने अपने-अपने टारगेट को सटीकता से नष्ट किया।
  • रडार, डिटेक्शन सिस्टम और कंट्रोल सिस्टम ने 100% परफॉर्मेंस दिया।

यानि, युद्ध जैसी स्थिति में भी यह सिस्टम दुश्मन की किसी भी हवाई चाल को मिनटों में ध्वस्त कर सकता है।

IADWS क्यों है इतना अहम?

👉 बहु-स्तरीय सुरक्षा: एक साथ ड्रोन, हेलीकॉप्टर, मिसाइल और फाइटर जेट जैसे खतरों को रोकने की क्षमता।

👉 स्वदेशी ताकत: पूरी तरह Made in India सिस्टम—‘आत्मनिर्भर भारत’ का सच्चा उदाहरण।

👉 लचीलापन: QRSAM + VSHORADS + DEW का कॉम्बिनेशन इसे छोटी और मध्यम दूरी दोनों के लिए आदर्श बनाता है।

👉 कम लागत: लेजर हथियार बार-बार इस्तेमाल हो सकते हैं और पारंपरिक हथियारों की तुलना में काफी सस्ते हैं।

👉 वैश्विक पहचान: लेजर हथियारों वाली टेक्नोलॉजी में महारत हासिल कर भारत अब उन गिने-चुने देशों में शामिल है, जिनके पास यह क्षमता है।

लेजर हथियार: भारत का ‘सीक्रेट ट्रंप कार्ड’

लेजर हथियार (DEW) IADWS की सबसे खास तकनीक है।

  • यह तेज, सटीक और बार-बार इस्तेमाल योग्य है।
  • ड्रोन और निगरानी सिस्टम को पलक झपकते ही ध्वस्त कर देता है।
  • लागत कम होने के कारण भविष्य में बड़े पैमाने पर तैनात किए जा सकते हैं।

हालांकि चीनी विशेषज्ञ वांग यानान ने कहा है कि असली परीक्षा युद्ध के मैदान में होगी, लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि यह भारत के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है।

सुदर्शन चक्र मिशन: भारत का भविष्य

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर कहा था कि भारत को 2035 तक एक ऐसा रक्षा कवच (Defence Shield) मिलेगा, जो न सिर्फ दुश्मन के हमलों को रोकेगा बल्कि जवाबी हमला करने की क्षमता भी रखेगा।

IADWS इसी मिशन की पहली बड़ी झलक है। आगे चलकर यह सिस्टम—

  • भारतीय वायुसेना के IACCS
  • भारतीय सेना के आकाशतीर सिस्टम

के साथ इंटीग्रेट किया जाएगा।

आगे की राह

विशेषज्ञ मानते हैं कि IADWS का यह पहला कदम आने वाले समय में और भी एडवांस होगा।

  • भविष्य में इसकी रेंज और बढ़ाई जाएगी।
  • इसे साइबर सुरक्षा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से भी जोड़ा जा सकता है।
  • युद्ध के जटिल परिदृश्यों में जब इसे तैनात किया जाएगा, तभी इसकी असली ताकत दुनिया के सामने आएगी।

नतीजा

भारत का IADWS सिस्टम सिर्फ एक हथियार नहीं, बल्कि एक संदेश है—
👉 दुश्मन को अब भारत की ओर देखने से पहले सोच-समझकर कदम उठाना होगा

यह सफल परीक्षण भारत को 2035 तक एक मजबूत और अजेय ‘सुदर्शन चक्र रक्षा कवच’ की ओर ले जा रहा है।

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