ढाका से आई दिल दहला देने वाली खबर
बांग्लादेश (Bangladesh ) की राजधानी ढाका से एक दिल को दहला देने वाली खबर सामने आई है। बांग्लादेश एयर फोर्स का एक चीनी फाइटर जेट अचानक टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद तकनीकी खराबी के कारण एक स्कूल की इमारत पर जा गिरा। इस हादसे में अब तक 19 स्कूली छात्रों की मौत और 25 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है। हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई।
कैसे हुआ हादसा?
यह दुर्घटना बांग्लादेश के चटगांव जिले में उस समय हुई जब एयर फोर्स का JF-17 थंडर नामक चीनी निर्मित लड़ाकू विमान रूटीन उड़ान पर था। उड़ान भरने के महज कुछ मिनट बाद ही विमान में तकनीकी खराबी आ गई। पायलट ने विमान को कंट्रोल करने की कोशिश की, लेकिन वह नाकाम रहे और विमान एक स्कूल की बिल्डिंग से टकरा गया।
पायलट सुरक्षित लेकिन…
हादसे के समय पायलट ने खुद को इजेक्ट कर लिया, जिससे उनकी जान बच गई। हालांकि, विमान सीधे स्कूल की छत पर गिरा जहां बच्चे अपनी क्लास में मौजूद थे। विमान में लगी आग ने पूरी इमारत को चपेट में ले लिया। दमकल की गाड़ियाँ, पुलिस, और रेस्क्यू टीम तुरंत मौके पर पहुंची लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
घायलों का इलाज जारी
हादसे में घायल हुए लोगों को चटगांव मेडिकल कॉलेज और आसपास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। कई बच्चों की हालत नाजुक बनी हुई है। अस्पताल प्रशासन ने सभी को ब्लड डोनेशन के लिए आगे आने की अपील की है।
प्रशासनिक जांच शुरू
बांग्लादेश सरकार ने इस हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। एयरफोर्स चीफ ने खुद घटनास्थल का दौरा किया और माना कि विमान में सिस्टम फेलियर की वजह से यह दुर्घटना हुई। चीनी विशेषज्ञों की टीम को भी बुलाया गया है ताकि JF-17 विमान में बार-बार आने वाली तकनीकी खराबियों का मूल्यांकन किया जा सके।
स्थानीय लोगों का गुस्सा फूटा
घटना के बाद स्थानीय लोगों में भारी गुस्सा देखने को मिला। उनका कहना है कि एयरबेस के पास स्कूल और रिहायशी इलाकों को क्यों बनाया गया? यह प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही है।
सोशल मीडिया पर शोक की लहर
इस हादसे के बाद सोशल मीडिया पर शोक और गुस्से की लहर दौड़ गई है। #BangladeshPlaneCrash ट्रेंड कर रहा है। लोग प्रशासन से जवाब मांग रहे हैं और इस तरह के विमान संचालन पर सवाल उठा रहे हैं।
क्या कहते हैं रक्षा विशेषज्ञ?
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, JF-17 थंडर विमान पाकिस्तान और चीन की संयुक्त परियोजना है, और इसमें पहले भी तकनीकी खामियों की खबरें आती रही हैं। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या ऐसे विमान स्कूल और जनसंख्या वाले क्षेत्रों के ऊपर उड़ाए जाने चाहिए?
निष्कर्ष
यह हादसा न केवल एक तकनीकी असफलता का नतीजा है, बल्कि यह एक प्रशासनिक लापरवाही की भी गवाही देता है। मासूम स्कूली बच्चों की मौत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। अब देखना यह होगा कि बांग्लादेश सरकार इस हादसे से क्या सबक लेती है और भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।
श्रद्धांजलि
Times of Patrika की ओर से हादसे में जान गंवाने वाले सभी बच्चों को श्रद्धांजलि। ईश्वर उनके परिवारों को इस कठिन समय में हिम्मत दे।
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